Product Summery
Author: Anand Kamat
paperback
₹ 140
₹ 140
सद्गुरु की शरण में जाने पर सब कुछ संभव हो जाता है। ये साधक ग्यारह बार श्री गिरनारी के दर्शन के लिए गए हैं। मै, इनकी श्रद्धा को नमन करता हूँ। यदि आप श्रद्धा रखते है तो उसका प्रतिसाद मिलता है ये सिद्ध करके इन्होने दिखाया है। भक्ति को चरम पर ले जाना होता है। लोहे के चने चबाने पर ही ब्रम्ह की अनुभूति मिलती है, इस बात का अनुभव ये साधक प्राप्त कर चुके हैं। ये पुस्तक पढ़ने के बाद हमे भी इनका अनुसरण करना चाहिए। सभी को मेरी शुभकामनाएँ! अवधूतान्द (जगन्नाथ कुंटे) साँय-साँय बहती हवा, रात का भयानक जंगल, कलेजे को चीर कर रख देने वाली जंगली जानवरों की आवाज, ऐसी परिस्थितियों में गिरनार यात्रा का प्रत्यक्ष अनुभव, साक्षात महाराज के आदेश पर ग्यारह बार की गई गिरनार यात्रा की अमूल्य निधि, महाराज की अनेकानेक अनुभव अपनी झोली में सहेज कर लाते हुए अंत में स्वयं दत्त महाराज की अनुमति से प्रकाशित पुस्तक। ‘हम गए नहीं, जिंदा हैं’ का अनुभव समस्याओं की आँच से दूर रखा अविस्मरणीय यात्रा फेरी अजब पर गजब दर्शन स्वामी जी ने पूरा किया हठ अनुभव दे ही दिया