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मन को जीतो, दुनिया जीतो........ हर चीज़ दो बार निर्मित होती है। पहले आपके मन में फिर वास्तविकता मेंं।... विचार नहीं आते, ऐसा मनुष्य ढूंढने से भी नहीं मिलेगा। कोई भी चीज़ वास्तव में आने से पहले, विचार में आती है। यदि विचारों को सही दिशा देने की कला सीख ली जाए तो स्वाभाविक रूप से क्रिया में परिवर्तन आएगा और उसके सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे। अपनी आंतरिक शक्तियों को पहचानकर सफल होने के मार्ग बताने वाली चार पुस्तकों का सेट।
1) स्टॉप ओवरथिंकिंग (अति विचारों के चक्र से मुक्ति) पुस्तक की महत्वपूर्ण बातें... * अति विचारों के परिणाम * तनाव दूर करने का फार्मूला * तणाव की दिनचर्या * समय, ऊर्जा और इनपुट्स का व्यवस्थापन * पलों में उत्साह प्राप्त करने के लिए... * सकारात्मक स्वसंवाद * भावनाओं पर नियंत्रण कैसे रखें? 2) मन की शक्ति का उपयोग कैसे करें (जो आपके मन में वही आपकी दुनिया में) इस किताब में मन की शक्ति को जानने के लिए तीन रहस्य प्रतिपादित किए गए है और शक्ति का सही दिशा में उपयोग कैसे करें, यह समझने के लिए सात सिद्धांत और ग्यारह नियम है। एक बार इन रहस्यों को हम जान जाए तो सिद्धांत और नियम अपने आप समझ में आने लगेंगे। सिद्धांत बताते हैं कि जो आप चाहते हैं, उसे प्राप्त करने के गणितीय सूत्र क्या हैं? अत: यह आवश्यक है कि नियमों का पालन करते रहोगे तो अपने वांछित गंतव्य तक अवश्य पहुँच जाओगे। लेकिन अगर नियमों का पालन नहीं करोगे तो बाधाएं उत्पन्न होगी। जैसे करम वैसे फल! यह कुदरत का नियम है। यदि किसी ने आग में हाथ डाला तो हाथ जलेगा ही। फिर वह हाथ साधू का हो, सन्यासी का, बुज़ुर्ग का, या किसी छोटे बच्चे का, सभी के लिए नियम तो एक समान ही होते हैं। इसलिए नियमों को जानना अत्यंत आवश्यक है। एक बार आप रहस्यों और नियमों को जान लेंगे तो आप अपने मन की शक्ति का उपयोग बहुत ही आसानी से कर पाएंगे। 3) मेरे जीवन में ऐसा क्यों होता है? (जीवन की घटनाओं के पीछे का रहस्य) कई लोगो के मन में यह प्रश्न आता है कि 'मेरे जीवन में या मेरे साथ ऐसा क्यों होता है?' और इस कारण से कई लोग दुखी भी होते हैं। कई लोग तो सफल होकर भी असंतुष्ट रहते हैं। जैसे कि एक अच्छे सर्जन को जीवन के उत्तरार्ध में इस बात का दुख था कि 'मैं अच्छा चित्रकार क्यों नहीं बना?' इसे हम क्या कहेंगे? लोग हमेशा ऐसे ही सवाल पूछते हैं कि 'ऐसा ही क्यों हुआ ?' या 'वैसा क्यों नहीं हुआ ?' लेकिन यह पुस्तक पढ़ने के बाद आपको समझ में आएगा कि आपका जीवन कितना सुंदर है, कितना अच्छा है। इसे पढ़ने के बाद आपको अपने जीवन में घटने वाली हर घटना पीछे के कारण समझ में आने लगेंगे, और सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि आप अपने जीवन की खोज कर पाएँगे। साथ ही आपको यह भी यकीन हो जाएगा कि यह खोज आप स्वयं ही कर सकते हैं। यह पुस्तक पढ़ते समय आपको लगेगा कि इसमें से कई सारी बातें आपके जीवन से जुड़ी हैं, कई सारी घटनाएँ आपके जीवन की घटनाओं से मेल खाती हैं। लेकिन इस पुस्तक की सार्थकता तभी सिद्ध होगी जबकि जब यह आपके अनुभवों में वृद्धि करे और आपको पहले से अधिक परिपक्व बनाए| 4) NLP (न्युरो लिंग्वेस्टिक प्रोग्रामिंग) (आप जो विचार करते हैं वह शायद वास्तववादी न हों लेकिन वे विचार वास्तव में ज़रूर उतर सकते है।) हमारे पास हमेंशा दो विकल्प होते हैं। १. भूतकाल के बारें में सोचकर भविष्य को सीमित करना। या २. भूतकाल से सबक सिखकर अच्छे भविष्य का निर्माण करना। ३५ साल इस विषय पर निरंतर अध्ययन करने के बाद, एनएलपी के सहनिर्माता रिचर्ड बैंडलर ने इस किताब का निर्माण किया है। यह पुस्तक एक कार्यशाला है। इस कार्यशाला से आपको निम्नलिखित मुद्दों पर मार्गदर्शन मिलेंगा। * स्वसंवाद क्या है और उसे कैसे बदला जाए * डर, निराशा और दुख से मुक्ति कैसे पाए * मान्यताएँ कैसे बदले * भूतकाल से मुक्ति * मन पर नियंत्रण कैसे प्राप्त करें